महाभारतम् — 3.155.21
Original
Segmented
एकैकशः च तान् विप्रान् निवेद्य वृषपर्वणे न्यास-भूतान् यथा कालम् बन्धून् इव सु सत्कृतान्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| एकैकशः | एकैकशस् | pos=i |
| च | च | pos=i |
| तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| विप्रान् | विप्र | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| निवेद्य | निवेदय् | pos=vi |
| वृषपर्वणे | वृषपर्वन् | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| न्यास | न्यास | pos=n,comp=y |
| भूतान् | भू | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| यथा | यथा | pos=i |
| कालम् | काल | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| बन्धून् | बन्धु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| इव | इव | pos=i |
| सु | सु | pos=i |
| सत्कृतान् | सत्कृ | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |