महाभारतम् — 3.162.12
Original
Segmented
त्वम् इमाम् पृथिवीम् राजन् प्रशासिष्यसि पाण्डव स्वस्ति प्राप्नुहि कौन्तेय काम्यकम् पुनः आश्रमम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| इमाम् | इदम् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| पृथिवीम् | पृथिवी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| राजन् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| प्रशासिष्यसि | प्रशास् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
| पाण्डव | पाण्डव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| स्वस्ति | स्वस्ति | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्राप्नुहि | प्राप् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| कौन्तेय | कौन्तेय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| काम्यकम् | काम्यक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| आश्रमम् | आश्रम | pos=n,g=m,c=2,n=s |