महाभारतम् — 3.166.4
Original
Segmented
शङ्खानाम् च सहस्राणि मग्नान्य् अप्सु समन्ततः दृश्यन्ते स्म यथा रात्रौ तारास् तनु-अभ्र-संवृ
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शङ्खानाम् | शङ्ख | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| च | च | pos=i |
| सहस्राणि | सहस्र | pos=n,g=n,c=1,n=p |
| मग्नान्य् | मज्ज् | pos=va,g=n,c=1,n=p,f=part |
| अप्सु | अप् | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| समन्ततः | समन्ततः | pos=i |
| दृश्यन्ते | दृश् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| स्म | स्म | pos=i |
| यथा | यथा | pos=i |
| रात्रौ | रात्रि | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| तारास् | तारा | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| तनु | तनु | pos=a,comp=y |
| अभ्र | अभ्र | pos=n,comp=y |
| संवृ | संवृ | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |