महाभारतम् — 3.167.26
Original
Segmented
तेषाम् छिन्नानि गात्राणि विसृजन्ति स्म शोणितम् प्रावृषि इव अतिवृष्टानि शृङ्गा इव धराभृताम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| छिन्नानि | छिद् | pos=va,g=n,c=1,n=p,f=part |
| गात्राणि | गात्र | pos=n,g=n,c=1,n=p |
| विसृजन्ति | विसृज् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| स्म | स्म | pos=i |
| शोणितम् | शोणित | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्रावृषि | प्रावृष् | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| अतिवृष्टानि | अतिवृष् | pos=va,g=n,c=1,n=p,f=part |
| शृङ्गा | शृङ्ग | pos=n,g=n,c=1,n=p |
| इव | इव | pos=i |
| धराभृताम् | धराभृत् | pos=n,g=m,c=6,n=p |