महाभारतम् — 3.170.57
Original
Segmented
रुदन्त्यो दीन-कण्ठ्यः ता विनदन्त्यो हत-ईश्वराः उरांसि पाणिभिः घ्नन्त्यः प्रस्रंस्-स्रज्-विभूषण
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| रुदन्त्यो | रुद् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
| दीन | दीन | pos=a,comp=y |
| कण्ठ्यः | कण्ठी | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| ता | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| विनदन्त्यो | विनद् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
| हत | हन् | pos=va,comp=y,f=part |
| ईश्वराः | ईश्वर | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| उरांसि | उरस् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| पाणिभिः | पाणि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| घ्नन्त्यः | हन् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
| प्रस्रंस् | प्रस्रंस् | pos=va,comp=y,f=part |
| स्रज् | स्रज् | pos=n,comp=y |
| विभूषण | विभूषण | pos=n,g=f,c=1,n=p |