महाभारतम् — 3.171.16
Original
Segmented
अर्जुन उवाच श्वः प्रभाते भवान् द्रष्टा दिव्यानि अस्त्राणि सर्वशः निवात-कवचाः घोरा यैः मया विनिपातिताः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अर्जुन | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| श्वः | श्वस् | pos=i |
| प्रभाते | प्रभात | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| भवान् | भवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| द्रष्टा | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| दिव्यानि | दिव्य | pos=a,g=n,c=2,n=p |
| अस्त्राणि | अस्त्र | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| सर्वशः | सर्वशस् | pos=i |
| निवात | निवात | pos=a,comp=y |
| कवचाः | कवच | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| घोरा | घोर | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| यैः | यद् | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| विनिपातिताः | विनिपातय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |