महाभारतम् — 3.176.2
Original
Segmented
उवाच च महा-सर्पम् कामया ब्रूहि पन्नग कः त्वम् भो भुजग-श्रेष्ठ किम् मया च करिष्यसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| च | च | pos=i |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| सर्पम् | सर्प | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| कामया | कामया | pos=i |
| ब्रूहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| पन्नग | पन्नग | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| कः | क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| भो | भो | pos=i |
| भुजग | भुजग | pos=n,comp=y |
| श्रेष्ठ | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| च | च | pos=i |
| करिष्यसि | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |