महाभारतम् — 3.177.16
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच सत्यम् दानम् क्षमा शीलम् आनृशंस्यम् दमो घृणा दृश्यन्ते यत्र नाग-इन्द्र स ब्राह्मण इति स्मृतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| सत्यम् | सत्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| दानम् | दान | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| क्षमा | क्षमा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| शीलम् | शील | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| आनृशंस्यम् | आनृशंस्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| दमो | दम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| घृणा | घृणा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| दृश्यन्ते | दृश् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| यत्र | यत्र | pos=i |
| नाग | नाग | pos=n,comp=y |
| इन्द्र | इन्द्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ब्राह्मण | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| स्मृतः | स्मृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |