महाभारतम् — 3.182.1
Original
Segmented
वैशम्पायन उवाच मार्कण्डेयम् महात्मानम् ऊचुः पाण्डु-सुताः तदा माहात्म्यम् द्विज-मुख्यानाम् श्रोतुम् इच्छाम कथ्यताम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशम्पायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| मार्कण्डेयम् | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| महात्मानम् | महात्मन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| ऊचुः | वच् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| पाण्डु | पाण्डु | pos=n,comp=y |
| सुताः | सुत | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| तदा | तदा | pos=i |
| माहात्म्यम् | माहात्म्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| द्विज | द्विज | pos=n,comp=y |
| मुख्यानाम् | मुख्य | pos=a,g=m,c=6,n=p |
| श्रोतुम् | श्रु | pos=vi |
| इच्छाम | इष् | pos=v,p=1,n=p,l=lot |
| कथ्यताम् | कथय् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |