महाभारतम् — 3.183.10
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच एवम् उक्त्वा जगाम आशु वैन्य-यज्ञम् महा-तपाः गत्वा च यज्ञ-आयतनम् अत्रिस् तुष्टाव तम् नृपम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| उक्त्वा | वच् | pos=vi |
| जगाम | गम् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| आशु | आशु | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| वैन्य | वैन्य | pos=n,comp=y |
| यज्ञम् | यज्ञ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| तपाः | तपस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| गत्वा | गम् | pos=vi |
| च | च | pos=i |
| यज्ञ | यज्ञ | pos=n,comp=y |
| आयतनम् | आयतन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अत्रिस् | अत्रि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तुष्टाव | स्तु | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| नृपम् | नृप | pos=n,g=m,c=2,n=s |