महाभारतम् — 3.185.18
Original
Segmented
मनुम् मत्स्यस् ततो दृष्ट्वा पुनः एव अभ्यभाषत नय माम् भगवन् साधो समुद्रमहिषीम् प्रभो गङ्गाम् तत्र निवत्स्यामि यथा वा तात मन्यसे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मनुम् | मनु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| मत्स्यस् | मत्स्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ततो | ततस् | pos=i |
| दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| अभ्यभाषत | अभिभाष् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| नय | नी | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| भगवन् | भगवत् | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| साधो | साधु | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| समुद्रमहिषीम् | समुद्रमहिषी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| प्रभो | प्रभु | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| गङ्गाम् | गङ्गा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| निवत्स्यामि | निवस् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| यथा | यथा | pos=i |
| वा | वा | pos=i |
| तात | तात | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| मन्यसे | मन् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |