महाभारतम् — 3.185.2
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच विवस्वतः सुतो राजन् परम-ऋषिः प्रतापवान् बभूव नर-शार्दूल प्रजापति-सम-द्युतिः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| विवस्वतः | विवस्वन्त् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| सुतो | सुत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| राजन् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| परम | परम | pos=a,comp=y |
| ऋषिः | ऋषि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्रतापवान् | प्रतापवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| बभूव | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| नर | नर | pos=n,comp=y |
| शार्दूल | शार्दूल | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| प्रजापति | प्रजापति | pos=n,comp=y |
| सम | सम | pos=n,comp=y |
| द्युतिः | द्युति | pos=n,g=m,c=1,n=s |