महाभारतम् — 3.186.1
Original
Segmented
वैशम्पायन उवाच ततः स पुनः एव अथ मार्कण्डेयम् यशस्विनम् पप्रच्छ विनय-उपेतः धर्मराजो युधिष्ठिरः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशम्पायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ततः | ततस् | pos=i |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| अथ | अथ | pos=i |
| मार्कण्डेयम् | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| यशस्विनम् | यशस्विन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| पप्रच्छ | प्रच्छ् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| विनय | विनय | pos=n,comp=y |
| उपेतः | उपे | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| धर्मराजो | धर्मराज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| युधिष्ठिरः | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |