महाभारतम् — 3.186.3
Original
Segmented
अनन्तरिक्षे लोके ऽस्मिन् देव-दानव-वर्जिते त्वम् एव प्रलये विप्र ब्रह्माणम् उपतिष्ठसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अनन्तरिक्षे | अनन्तरिक्ष | pos=a,g=m,c=7,n=s |
| लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| ऽस्मिन् | इदम् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| देव | देव | pos=n,comp=y |
| दानव | दानव | pos=n,comp=y |
| वर्जिते | वर्जय् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| प्रलये | प्रलय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| विप्र | विप्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| ब्रह्माणम् | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| उपतिष्ठसि | उपस्था | pos=v,p=2,n=s,l=lat |