महाभारतम् — 3.190.35
Original
Segmented
प्रतिजानीहि न एतान् त्वम् प्राप्य क्रोधम् विमोक्ष्यसे अलम् कृत्वा ते अधर्मम् मण्डूकैः किम् हतैः हि ते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रतिजानीहि | प्रतिज्ञा | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| न | न | pos=i |
| एतान् | एतद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| क्रोधम् | क्रोध | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| विमोक्ष्यसे | विमुच् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
| अलम् | अलम् | pos=i |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| अधर्मम् | अधर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| मण्डूकैः | मण्डूक | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| हतैः | हन् | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
| हि | हि | pos=i |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |