महाभारतम् — 3.194.29
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच विचिन्त्य तु अथ गोविन्दो न अपश्यत् यद् अनावृतम् अवकाशम् पृथिव्याम् वा दिवि वा मधुसूदनः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| विचिन्त्य | विचिन्तय् | pos=vi |
| तु | तु | pos=i |
| अथ | अथ | pos=i |
| गोविन्दो | गोविन्द | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| अपश्यत् | पश् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अनावृतम् | अनावृत | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| अवकाशम् | अवकाश | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| पृथिव्याम् | पृथिवी | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| दिवि | दिव् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| मधुसूदनः | मधुसूदन | pos=n,g=m,c=1,n=s |