महाभारतम् — 3.199.1
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच स तु विप्रम् अथ उवाच धर्मव्याधो युधिष्ठिर यद् अहम् हि आचरे कर्म घोरम् एतद् असंशयम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| विप्रम् | विप्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अथ | अथ | pos=i |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| धर्मव्याधो | धर्मव्याध | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| यद् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| आचरे | आचर् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| घोरम् | घोर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| एतद् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| असंशयम् | असंशय | pos=n,g=m,c=2,n=s |