महाभारतम् — 3.2.31
Original
Segmented
तस्मात् स्नेहम् स्व-पक्षेभ्यः मित्रेभ्यो धन-संचयात् स्व-शरीर-समुत्थम् तु ज्ञानेन विनिवर्तयेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तस्मात् | तद् | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| स्नेहम् | स्नेह | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| पक्षेभ्यः | पक्ष | pos=n,g=m,c=4,n=p |
| मित्रेभ्यो | मित्र | pos=n,g=m,c=4,n=p |
| धन | धन | pos=n,comp=y |
| संचयात् | संचय | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| शरीर | शरीर | pos=n,comp=y |
| समुत्थम् | समुत्थ | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| ज्ञानेन | ज्ञान | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| विनिवर्तयेत् | विनिवर्तय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |