महाभारतम् — 3.2.67
Original
Segmented
एवम् पतति संसारे तासु तासु इह योनिषु अविद्या-कर्म-तृष्णाभिः भ्राम्यमाणो ऽथ चक्र-वत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| एवम् | एवम् | pos=i |
| पतति | पत् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| संसारे | संसार | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| तासु | तद् | pos=n,g=f,c=7,n=p |
| तासु | तद् | pos=n,g=f,c=7,n=p |
| इह | इह | pos=i |
| योनिषु | योनि | pos=n,g=f,c=7,n=p |
| अविद्या | अविद्या | pos=n,comp=y |
| कर्म | कर्मन् | pos=n,comp=y |
| तृष्णाभिः | तृष्णा | pos=n,g=f,c=3,n=p |
| भ्राम्यमाणो | भ्रामय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| ऽथ | अथ | pos=i |
| चक्र | चक्र | pos=n,comp=y |
| वत् | वत् | pos=i |