महाभारतम् — 3.200.6
Original
Segmented
विषमाम् च दशाम् प्राप्य देवान् गर्हति वै भृशम् आत्मनः कर्म-दोषाणि न विजानाति अपण्डितः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| विषमाम् | विषम | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| दशाम् | दशा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| देवान् | देव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| गर्हति | गर्ह् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| वै | वै | pos=i |
| भृशम् | भृशम् | pos=i |
| आत्मनः | आत्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| कर्म | कर्मन् | pos=n,comp=y |
| दोषाणि | दोष | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| न | न | pos=i |
| विजानाति | विज्ञा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| अपण्डितः | अपण्डित | pos=a,g=m,c=1,n=s |