महाभारतम् — 3.202.1
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच एवम् उक्तः स विप्रस् तु धर्मव्याधेन भारत कथाम् अकथयद् भूयो मनसः प्रीति-वर्धनीम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| उक्तः | वच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| विप्रस् | विप्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| धर्मव्याधेन | धर्मव्याध | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| भारत | भारत | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| कथाम् | कथा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| अकथयद् | कथय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| भूयो | भूयस् | pos=i |
| मनसः | मनस् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
| प्रीति | प्रीति | pos=n,comp=y |
| वर्धनीम् | वर्धन | pos=a,g=f,c=2,n=s |