महाभारतम् — 3.204.13
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच ततस् तम् ब्राह्मणम् ताभ्याम् धर्मव्याधो न्यवेदयत् तौ स्वागतेन तम् विप्रम् अर्चयामासतुस् तदा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ततस् | ततस् | pos=i |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| ब्राह्मणम् | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| ताभ्याम् | तद् | pos=n,g=m,c=4,n=d |
| धर्मव्याधो | धर्मव्याध | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| न्यवेदयत् | निवेदय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| तौ | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
| स्वागतेन | स्वागत | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| विप्रम् | विप्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अर्चयामासतुस् | अर्चय् | pos=v,p=3,n=d,l=lit |
| तदा | तदा | pos=i |