महाभारतम् — 3.204.5
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच इति उक्तवान् स प्रविश्य अथ ददर्श परम-अर्चितम् सौधम् हृद्यम् चतुःशालम् अतीव च मनोहरम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| इति | इति | pos=i |
| उक्तवान् | वच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्रविश्य | प्रविश् | pos=vi |
| अथ | अथ | pos=i |
| ददर्श | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| परम | परम | pos=a,comp=y |
| अर्चितम् | अर्चय् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
| सौधम् | सौध | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| हृद्यम् | हृद्य | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| चतुःशालम् | चतुःशाल | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अतीव | अतीव | pos=i |
| च | च | pos=i |
| मनोहरम् | मनोहर | pos=a,g=m,c=2,n=s |