महाभारतम् — 3.207.16
Original
Segmented
अङ्गिरा उवाच कुरु पुण्यम् प्रजा-स्वर्ग्यम् भव अग्निः तिमिर-अपहः माम् च देव कुरुष्व अग्ने प्रथमम् पुत्रम् अञ्जसा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अङ्गिरा | अङ्गिरस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| कुरु | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| पुण्यम् | पुण्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्रजा | प्रजा | pos=n,comp=y |
| स्वर्ग्यम् | स्वर्ग्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| भव | भू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| अग्निः | अग्नि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तिमिर | तिमिर | pos=n,comp=y |
| अपहः | अपह | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| देव | देव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| कुरुष्व | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| अग्ने | अग्नि | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| प्रथमम् | प्रथम | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| पुत्रम् | पुत्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अञ्जसा | अञ्जसा | pos=i |