महाभारतम् — 3.208.1
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच ब्रह्मणो यः तृतीयः तु पुत्रः कुरु-कुल-उद्वहैः तस्य आपव-सुता भार्या प्रजास् तस्य अपि मे शृणु
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ब्रह्मणो | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तृतीयः | तृतीय | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| पुत्रः | पुत्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| कुरु | कुरु | pos=n,comp=y |
| कुल | कुल | pos=n,comp=y |
| उद्वहैः | उद्वह | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| आपव | आपव | pos=n,comp=y |
| सुता | सुता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| भार्या | भार्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| प्रजास् | प्रजा | pos=n,g=f,c=2,n=p |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| शृणु | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |