महाभारतम् — 3.216.1
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच ग्रहाः सोपग्रहाः च एव ऋषयो मातरस् तथा हुताशन-मुखाः च अपि दीप्ताः पारिषदाम् गणाः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ग्रहाः | ग्रह | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| सोपग्रहाः | सोपग्रह | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| च | च | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| ऋषयो | ऋषि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| मातरस् | मातृ | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| तथा | तथा | pos=i |
| हुताशन | हुताशन | pos=n,comp=y |
| मुखाः | मुख | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| च | च | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| दीप्ताः | दीप् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| पारिषदाम् | पारिषद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| गणाः | गण | pos=n,g=m,c=1,n=p |