महाभारतम् — 3.217.8
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच सो ऽब्रवीद् बाढम् इति एवम् भविष्यध्वम् पृथग्विधाः अशिवाः च शिवाः च एव पुनः पुनः उदार-धीः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽब्रवीद् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| बाढम् | बाढ | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| भविष्यध्वम् | भू | pos=v,p=2,n=p,l=lrn |
| पृथग्विधाः | पृथग्विध | pos=a,g=f,c=1,n=p |
| अशिवाः | अशिव | pos=a,g=f,c=1,n=p |
| च | च | pos=i |
| शिवाः | शिव | pos=a,g=f,c=1,n=p |
| च | च | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| उदार | उदार | pos=a,comp=y |
| धीः | धी | pos=n,g=f,c=1,n=s |