महाभारतम् — 3.218.1
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच उपविष्टम् ततः स्कन्दम् हिरण्य-कवच-स्रजम् हिरण्य-चूड-मुकुटम् हिरण्य-अक्षम् महा-प्रभम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| उपविष्टम् | उपविश् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| ततः | ततस् | pos=i |
| स्कन्दम् | स्कन्द | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| हिरण्य | हिरण्य | pos=n,comp=y |
| कवच | कवच | pos=n,comp=y |
| स्रजम् | स्रज् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| हिरण्य | हिरण्य | pos=n,comp=y |
| चूड | चूड | pos=n,comp=y |
| मुकुटम् | मुकुट | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| हिरण्य | हिरण्य | pos=n,comp=y |
| अक्षम् | अक्ष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| प्रभम् | प्रभा | pos=n,g=m,c=2,n=s |