महाभारतम् — 3.218.7
Original
Segmented
अभयम् च पुनः दत्तम् त्वया एव एषाम् सुर-उत्तम तस्माद् इन्द्रो भवान् अस्तु त्रैलोक्यस्य अभयङ्करः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अभयम् | अभय | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| दत्तम् | दा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| एषाम् | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| सुर | सुर | pos=n,comp=y |
| उत्तम | उत्तम | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| तस्माद् | तद् | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| इन्द्रो | इन्द्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भवान् | भवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| अस्तु | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| त्रैलोक्यस्य | त्रैलोक्य | pos=n,g=n,c=6,n=s |
| अभयङ्करः | अभयंकर | pos=a,g=m,c=1,n=s |