महाभारतम् — 3.22.5
Original
Segmented
ततो माम् अब्रवीद् वीर दारुको स्थातव्यम् इति तिष्ठामि साल्व-बाण-प्रपीडितः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ततो | ततस् | pos=i |
| माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| अब्रवीद् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| वीर | वीर | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| दारुको | दारुक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| स्थातव्यम् | स्था | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
| इति | इति | pos=i |
| तिष्ठामि | स्था | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| साल्व | शाल्व | pos=n,comp=y |
| बाण | बाण | pos=n,comp=y |
| प्रपीडितः | प्रपीडय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |