महाभारतम् — 3.221.44
Original
Segmented
तैः विसृष्टानि अनीकेषु क्रुद्धैः शस्त्राणि संयुगे शराः च दैत्य-कायेषु पिबन्ति स्म असृज् उल्बणम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तैः | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| विसृष्टानि | विसृज् | pos=va,g=n,c=1,n=p,f=part |
| अनीकेषु | अनीक | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| क्रुद्धैः | क्रुध् | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
| शस्त्राणि | शस्त्र | pos=n,g=n,c=1,n=p |
| संयुगे | संयुग | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| शराः | शर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| च | च | pos=i |
| दैत्य | दैत्य | pos=n,comp=y |
| कायेषु | काय | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| पिबन्ति | पा | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| स्म | स्म | pos=i |
| असृज् | असृज् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| उल्बणम् | उल्बण | pos=a,g=n,c=2,n=s |