महाभारतम् — 3.225.28
Original
Segmented
गतो हि अरण्यात् अपि शक्र-लोकम् धनंजयः पश्यत वीर्यम् अस्य अस्त्राणि दिव्यानि चतुर्विधानि ज्ञात्वा पुनः लोकम् इमम् प्रपन्नः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| गतो | गम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| हि | हि | pos=i |
| अरण्यात् | अरण्य | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| शक्र | शक्र | pos=n,comp=y |
| लोकम् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| धनंजयः | धनंजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| पश्यत | पश् | pos=v,p=2,n=p,l=lot |
| वीर्यम् | वीर्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अस्त्राणि | अस्त्र | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| दिव्यानि | दिव्य | pos=a,g=n,c=2,n=p |
| चतुर्विधानि | चतुर्विध | pos=a,g=n,c=2,n=p |
| ज्ञात्वा | ज्ञा | pos=vi |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| लोकम् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| इमम् | इदम् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्रपन्नः | प्रपद् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |