महाभारतम् — 3.227.5
Original
Segmented
न हि द्वैतवने किंचिद् विद्यते ऽन्यत् प्रयोजनम् उत्सादनम् ऋते तेषाम् वन-स्थानाम् मम द्विषाम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| न | न | pos=i |
| हि | हि | pos=i |
| द्वैतवने | द्वैतवन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| विद्यते | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| ऽन्यत् | अन्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| प्रयोजनम् | प्रयोजन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| उत्सादनम् | उत्सादन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| ऋते | ऋते | pos=i |
| तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| वन | वन | pos=n,comp=y |
| स्थानाम् | स्थ | pos=a,g=m,c=6,n=p |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| द्विषाम् | द्विष् | pos=a,g=m,c=6,n=p |