महाभारतम् — 3.244.2
Original
Segmented
वैशम्पायन उवाच ततः शयानम् कौन्तेयम् रात्रौ द्वैतवने मृगाः स्वप्न-अन्ते दर्शयामासुः बाष्प-कण्ठाः युधिष्ठिरम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशम्पायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ततः | ततस् | pos=i |
| शयानम् | शी | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| कौन्तेयम् | कौन्तेय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| रात्रौ | रात्रि | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| द्वैतवने | द्वैतवन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| मृगाः | मृग | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| स्वप्न | स्वप्न | pos=n,comp=y |
| अन्ते | अन्त | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| दर्शयामासुः | दर्शय् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| बाष्प | बाष्प | pos=n,comp=y |
| कण्ठाः | कण्ठ | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| युधिष्ठिरम् | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=2,n=s |