महाभारतम् — 3.245.27
Original
Segmented
व्यास उवाच दानात् न दुष्करतरम् पृथिव्याम् अस्ति किंचन अर्थे हि महती तृष्णा स च दुःखेन लभ्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| व्यास | व्यास | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| दानात् | दान | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| न | न | pos=i |
| दुष्करतरम् | दुष्करतर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| पृथिव्याम् | पृथिवी | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| अस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| किंचन | कश्चन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| महती | महत् | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| तृष्णा | तृष्णा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| दुःखेन | दुःख | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| लभ्यते | लभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |