महाभारतम् — 3.248.17
Original
Segmented
स कोटिकाश्यः तत् श्रुत्वा रथात् प्रस्कन्द्य कुण्डली उपेत्य पप्रच्छ तदा क्रोष्टा व्याघ्र-वधूम् इव
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| कोटिकाश्यः | कोटिकाश्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
| रथात् | रथ | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| प्रस्कन्द्य | प्रस्कन्द् | pos=vi |
| कुण्डली | कुण्डलिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| उपेत्य | उपे | pos=vi |
| पप्रच्छ | प्रच्छ् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| तदा | तदा | pos=i |
| क्रोष्टा | क्रोष्टृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| व्याघ्र | व्याघ्र | pos=n,comp=y |
| वधूम् | वधू | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| इव | इव | pos=i |