महाभारतम् — 3.251.14
Original
Segmented
जयद्रथ उवाच कुशलम् प्रातराशस्य सर्वा मे ऽपचितिः कृता एहि मे रथम् आरोह सुखम् आप्नुहि केवलम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| जयद्रथ | जयद्रथ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| कुशलम् | कुशल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| प्रातराशस्य | प्रातराश | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| सर्वा | सर्व | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| ऽपचितिः | अपचिति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| कृता | कृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| एहि | ए | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| रथम् | रथ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आरोह | आरुह् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| सुखम् | सुख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| आप्नुहि | आप् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| केवलम् | केवल | pos=a,g=n,c=2,n=s |