महाभारतम् — 3.252.26
Original
Segmented
क्षुद्रम् कृत्वा फलम् पापम् प्राप्स्यसि त्वम् असंशयम् आसाद्य पाण्डवान् वीरान् धर्मराज-पुरोगमान्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| क्षुद्रम् | क्षुद्र | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| फलम् | फल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| पापम् | पाप | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| प्राप्स्यसि | प्राप् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| असंशयम् | असंशय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आसाद्य | आसादय् | pos=vi |
| पाण्डवान् | पाण्डव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| वीरान् | वीर | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| धर्मराज | धर्मराज | pos=n,comp=y |
| पुरोगमान् | पुरोगम | pos=a,g=m,c=2,n=p |