महाभारतम् — 3.252.5
Original
Segmented
नागम् प्रभिन्नम् गिरि-कूट-कल्पम् उपत्यकाम् हैमवतीम् चरन्तम् दण्डी इव यूथाद् अपसेधसे त्वम् यो जेतुम् आशंससि धर्मराजम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| नागम् | नाग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्रभिन्नम् | प्रभिद् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| गिरि | गिरि | pos=n,comp=y |
| कूट | कूट | pos=n,comp=y |
| कल्पम् | कल्प | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| उपत्यकाम् | उपत्यका | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| हैमवतीम् | हैमवत | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| चरन्तम् | चर् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| दण्डी | दण्डिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| यूथाद् | यूथ | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| अपसेधसे | अपसिध् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| जेतुम् | जि | pos=vi |
| आशंससि | आशंस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| धर्मराजम् | धर्मराज | pos=n,g=m,c=2,n=s |