महाभारतम् — 3.255.37
Original
Segmented
अर्जुन उवाच यस्य अपचारात् प्राप्तो ऽयम् अस्मान् क्लेशो दुरासदः तम् अस्मिन् समर-उद्देशे न पश्यामि जयद्रथम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अर्जुन | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अपचारात् | अपचार | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| प्राप्तो | प्राप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| ऽयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| अस्मान् | मद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| क्लेशो | क्लेश | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| दुरासदः | दुरासद | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अस्मिन् | इदम् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| समर | समर | pos=n,comp=y |
| उद्देशे | उद्देश | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| न | न | pos=i |
| पश्यामि | दृश् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| जयद्रथम् | जयद्रथ | pos=n,g=m,c=2,n=s |