महाभारतम् — 3.265.1
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच ततस् ताम् भर्तृ-शोक-आर्ताम् दीनाम् मलिन-वाससम् मणि-शेष-अभ्यलंकाराम् रुदतीम् च पतिव्रताम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ततस् | ततस् | pos=i |
| ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| भर्तृ | भर्तृ | pos=n,comp=y |
| शोक | शोक | pos=n,comp=y |
| आर्ताम् | आर्त | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| दीनाम् | दीन | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| मलिन | मलिन | pos=a,comp=y |
| वाससम् | वासस् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| मणि | मणि | pos=n,comp=y |
| शेष | शेष | pos=n,comp=y |
| अभ्यलंकाराम् | अभ्यलंकार | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| रुदतीम् | रुद् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| च | च | pos=i |
| पतिव्रताम् | पतिव्रता | pos=n,g=f,c=2,n=s |