महाभारतम् — 3.265.17
Original
Segmented
इति उक्ता तेन वैदेही परिवृत्य शुभ-आनना तृणम् अन्तरतः कृत्वा तम् उवाच निशाचरम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| इति | इति | pos=i |
| उक्ता | वच् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| तेन | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| वैदेही | वैदेही | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| परिवृत्य | परिवृ | pos=vi |
| शुभ | शुभ | pos=a,comp=y |
| आनना | आनन | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| तृणम् | तृण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अन्तरतः | अन्तरतः | pos=i |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| निशाचरम् | निशाचर | pos=n,g=m,c=2,n=s |