महाभारतम् — 3.278.6
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच सा ब्रूहि विस्तरेण इति पित्रा संचोदिता शुभा दैवतस्य इव वचनम् प्रतिगृह्य इदम् अब्रवीत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| ब्रूहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| विस्तरेण | विस्तर | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| पित्रा | पितृ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| संचोदिता | संचोदय् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| शुभा | शुभ | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| दैवतस्य | दैवत | pos=n,g=n,c=6,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्रतिगृह्य | प्रतिग्रह् | pos=vi |
| इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |