महाभारतम् — 3.281.105
Original
Segmented
सत्यवान् उवाच अभ्यास-गमनात् भीरु पन्थानो विदिता मम वृक्ष-अन्तर-आलोकितया ज्योत्स्नया च अपि लक्षये
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सत्यवान् | सत्यवन्त् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| अभ्यास | अभ्यास | pos=n,comp=y |
| गमनात् | गमन | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| भीरु | भीरु | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| पन्थानो | पथिन् | pos=n,g=,c=1,n=p |
| विदिता | विद् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| वृक्ष | वृक्ष | pos=n,comp=y |
| अन्तर | अन्तर | pos=n,comp=y |
| आलोकितया | आलोकय् | pos=va,g=f,c=3,n=s,f=part |
| ज्योत्स्नया | ज्योत्स्ना | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| च | च | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| लक्षये | लक्षय् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |