महाभारतम् — 3.282.25
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच ततो ऽग्निम् तत्र संज्वाल्य द्विजास् ते सर्व एव हि उपासांचक्रिरे पार्थ द्युमत्सेनम् महीपतिम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ततो | ततस् | pos=i |
| ऽग्निम् | अग्नि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| संज्वाल्य | संज्वालय् | pos=vi |
| द्विजास् | द्विज | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| सर्व | सर्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| एव | एव | pos=i |
| हि | हि | pos=i |
| उपासांचक्रिरे | उपास् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| पार्थ | पार्थ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| द्युमत्सेनम् | द्युमत्सेन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| महीपतिम् | महीपति | pos=n,g=m,c=2,n=s |