महाभारतम् — 3.284.20
Original
Segmented
अमृताद् उत्थितम् हि एतत् उभयम् रत्न-सम्भवम् तस्माद् रक्ष्यम् त्वया कर्ण जीवितम् चेत् प्रियम् तव
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अमृताद् | अमृत | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| उत्थितम् | उत्था | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| हि | हि | pos=i |
| एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| उभयम् | उभय | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| रत्न | रत्न | pos=n,comp=y |
| सम्भवम् | सम्भव | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तस्माद् | तस्मात् | pos=i |
| रक्ष्यम् | रक्ष् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
| त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| कर्ण | कर्ण | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| जीवितम् | जीवित | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| चेत् | चेद् | pos=i |
| प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |