महाभारतम् — 3.285.15
Original
Segmented
त्वम् हि नित्यम् नर-व्याघ्र स्पर्धसे सव्यसाचिना सव्यसाची त्वया च एव युधि शूरः समेष्यति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| नर | नर | pos=n,comp=y |
| व्याघ्र | व्याघ्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| स्पर्धसे | स्पृध् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| सव्यसाचिना | सव्यसाचिन् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| सव्यसाची | सव्यसाचिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| च | च | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| युधि | युध् | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| शूरः | शूर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| समेष्यति | समि | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |