महाभारतम् — 3.298.13
Original
Segmented
धर्म उवाच अरणी-सहितम् तस्य ब्राह्मणस्य हृतम् मया मृग-वेषेण कौन्तेय जिज्ञासा-अर्थम् तव प्रभो
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| धर्म | धर्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| अरणी | अरणी | pos=n,comp=y |
| सहितम् | सहित | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| ब्राह्मणस्य | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| हृतम् | हृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| मृग | मृग | pos=n,comp=y |
| वेषेण | वेष | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| कौन्तेय | कौन्तेय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| जिज्ञासा | जिज्ञासा | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| प्रभो | प्रभु | pos=n,g=m,c=8,n=s |