महाभारतम् — 3.30.22
Original
Segmented
क्रोधस् तु अपण्डितैः शश्वत् तेज इत्य् अभिधीयते रजस् तत् लोक-नाशाय विहितम् मानुषान् प्रति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| क्रोधस् | क्रोध | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| अपण्डितैः | अपण्डित | pos=a,g=m,c=3,n=p |
| शश्वत् | शश्वत् | pos=i |
| तेज | तेजस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| इत्य् | इति | pos=i |
| अभिधीयते | अभिधा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| रजस् | रजस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| लोक | लोक | pos=n,comp=y |
| नाशाय | नाश | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| विहितम् | विधा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| मानुषान् | मानुष | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| प्रति | प्रति | pos=i |