महाभारतम् — 3.34.28
Original
Segmented
तस्माद् धर्म-अर्थयोः नित्यम् न प्रमाद्यन्ति पण्डिताः प्रकृतिः सा हि कामस्य पावकस्य अरणिः यथा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तस्माद् | तद् | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| अर्थयोः | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=d |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| न | न | pos=i |
| प्रमाद्यन्ति | प्रमद् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| पण्डिताः | पण्डित | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| प्रकृतिः | प्रकृति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| कामस्य | काम | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| पावकस्य | पावक | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अरणिः | अरणि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| यथा | यथा | pos=i |